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अब कालेज के वो दिन याद आते हैं

अब कालेज के वो दिन याद आते हैं
जब हम खेल खेलना और मार भी
खाया करते थे
कुछ को हमने डराया , कुछ को रूलाया भी
पर किसी को परेशान करना मकसद नहीं हुआ करता था
कुछ दोस्त तो ऐसे थे जिन्हें कालेज में
किसी से आंखों ही आंखों में प्यार हुआ करता था
और प्यार के लिए अपने दोस्तों से भी लड़ना पड़ता था
कुछ साहसी और कुछ परिक्रमी दोस्त
ऐसे भी हुआ करते थे
जो हर बात पर सोच समझकर बोल दिया करते थे
दूसरों का लंच करना,मार खाना ये भी अहम हुआ करता था
और बिना बोले ब्रेकअप कर लेंना ये भी हुआ करता था
कुछ दोस्त उनको धोखा दिया करते थे
हमने उनको बहुत समझाया पर वो कहां माना करते थे
पर कुछ दोस्त ऐसे भी थे
जिन्होंने कुछ ऐसा नहीं किया
और हमें सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया
पर आज तक ये समझ नहीं आया
जो दोस्त सच्चे और ईमानदार थे
उनको आजतक किसी ने नहीं भाया
आज भी इसका एहसास होता हैं
पर वो दिन हमारे लिए आज भी खास होता हैं
विश्वास हैं हमें हमारी ईमानदारी आगे काम आएंगी
और हमें तो सिर्फ और सिर्फ एक ही सच्ची और अच्छी वाइफ मिल जाएंगी
नहीं दिया हमनें किसी को धोखा आजतक
फिर भी कुछ ने झुठला दिया हमको अब तक
उनकी ये बात हमें सदैव प्रेरित करेंगी
और हमारी ईमानदारी की चर्चा पूरी दुनिया करेंगी
माना शिकायत 03 स्थानों से होकर गुजरा करती थी
पर उसकी भी अपनी भूमिका हुआ करती थीं
आज भी हमें कालेज के दिन याद आते हैं
पर दुख, वैसे दिन और दोस्त हमें दोबारा नहीं मिल पाते हैं 

शिवम्...🖋️

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9 Comments

Swati chourasia

07-Sep-2022 03:43 PM

Very nice 👍

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Shivam Ramtekkar

08-Sep-2022 06:15 AM

Thank you so much Swati...😊

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Aliya khan

07-Sep-2022 02:36 PM

अगर शीर्षक से कोमा हटा दे तो आप का लिंक खुल जायेगा कोमा लगाने से लिंक खुलता नही है एडिट कर दे सर

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Shivam Ramtekkar

07-Sep-2022 03:19 PM

जी धन्यवाद 🙏🏻

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Gunjan Kamal

06-Sep-2022 08:58 PM

बेहतरीन

Reply

Shivam Ramtekkar

07-Sep-2022 03:20 PM

धन्यवाद 🙏🏻

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